देश में कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. अबतक कुल केस की संख्या डेढ़ लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है. इस बीच लॉकडाउन 4.0 की अवधि भी 31 मई को पूरे होने वाली है. ऐसे में अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि 1 जून से क्या होगा. क्या लॉकडाउन 5.0 आएगा या फिर पूरी तरह से छूट मिल जाएगी. इसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों संग मंथन भी किया.
जिस तरह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे देखते हुए लॉकडाउन का लॉक पूरी तरह खुलना मुश्किल दिख रहा है.
गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. लॉकडाउन 4 के हालात की समीक्षा हुई. गृहमंत्री ने राज्यों से लॉकडाउन 5 को लेकर उनकी राय जानी, आगे के प्लान पर बातचीत हुई. कई राज्यों ने अभी से ही अपने राज्य में लॉकडाउन या फिर सख्ती को आगे तक के लिए बढ़ा दिया है.इसके अलावा कैबिनेट सेक्रेटरी ने भी गुरुवार को राज्यों के सचिवों और सबसे प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ लॉकडाउन और कोरोना के संकट पर मंथन किया था.
दरअसल, अब तक के हालात यही कहते हैं कि लॉकडाउन खुलने का फैसला कोरोना की रफ्तार पर निर्भर करेगा. पिछले चार दिन के आंकड़े देखें तो हर दिन 6 हजार से ज्यादा कोरोना के सामने आ रहे हैं.कोरोना की यही बढ़ती रफ्तार लॉकडाउन खुलने की राह में रोड़ा है. खुद राज्यों के बीच आवाजाही को लेकर बात बनती बिगड़ती दिख रही है. हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि दिल्ली के साथ सटे अपने बॉर्डर को नहीं खोलेगी. इसके अलावा कर्नाटक ने भी अपने से सटे राज्यों के बॉर्डर बंद रखे हैं.
इतना ही नहीं, कर्नाटक सरकार ने एविएशन मंत्रालय से अपील की है कि वो महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान से कर्नाटक आने वाली फ्लाइट की संख्या को घटाए, क्योंकि ये सभी राज्य हाई रिस्क वाले हैं.लॉकडाउन को लेकर केंद्र पहले ही फैसला राज्यों सरकारों पर छोड़ चुकी है. कोरोना के बढ़ते मामले ही राज्यों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. ऐसे में लॉकडाउन 5 को लेकर फैसला आसान नहीं होगा, जान और जहान दोनों को बचाना है.
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